Rajasthani Daal Bati Churma: A Journey Through the Flavors of Rajasthan
राजस्थानी पारम्परिक भोजन - दाल, बाटी और चूरमा
हमारे देश के हर राज्य क्षेत्र में हम कुछ भिन्नताएं देख सकते हैं , जैसे - संस्कृति, परंपराये, रहन-सहन, खानपान, भाषा आदि सब थोड़ी अलग-अलग होती है। ऐसे ही आज यहाँ राजस्थान के प्रसिद्ध खानपान एवम् पारंपरिक राजस्थानी स्वादिष्ट भोजन "दाल-बाटी-चूरमा" के बारे में हम आपको बताना चाह रहे हैं, जो कि राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश और मालवा क्षेत्र में भी बहुत से लोगों को पसंद होता हैं। भारत के कई क्षेत्रो में रहने वाले राजस्थानियों के द्वारा अन्य राज्यों में भी इस भोजन को लोग बड़े ही चाव से बनाने-खाने लगे हैं।
"दाल-बाटी-चूरमा" राजस्थान का सर्वाधिक लोकप्रिय भोजन हैं। दाल - बाटी राजस्थानी लोगो का आम भोजन है और इसके साथ मुख्य अवसरों पर चूरमा भी बनाया जाता है जो कि इस भोजन में मिठाई के रूप में आता है। राजस्थान में अक्सर मुख्य अवसरों पर तथा सामूहिक समारोह में या शादी - पार्टियों में ये ही भोजन बनाया जाता हैं। तो आइए आज हम आपको ये राजस्थानी स्वादिष्ट भोजन "दाल-बाटी-चूरमा" को कैसे बनाया जाता है और कितने प्रकार से बनाया जाता है, बताते हैं -
1. दाल :
दाल को मेवाड़ राज्य में गुप्त साम्राज्य लेकर आये थे। गुप्त साम्राज्य जब मेवाड़ में आए थे तब उन्हें पंचमेल दाल से बहुत लगाव था अर्थात वह दालो के मिश्रण को खाना बहुत पसंद किया करते थे। जिसके अंतर्गत तूर दाल, मसूर दाल, उड़द दाल,मूंग दाल, और चना दाल आदि इन पांच दालों का मिश्रण हुआ करता था। इस पंचमेल दाल को लॉन्ग,जीरा और अधिक सुगंधित खाने के मसालों से बनाया जाता था। इस दाल का स्वाद भारत में सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में से एक तथा यह बहुत ही पौष्टिक मानी जाती थी।
1. उड़द दाल
आवश्यक सामग्री:
- उड़द दाल - 4 कप
- चना दाल - 1 कप
- तेल - 4 टी स्पून
- लाल मिर्च - 2 टी स्पून
- हल्दी - 1/4 टी स्पून
- नमक - स्वादानुसार
- गरम मसाला - 1/4 टी स्पून
- हींग - चुटकी भर
- सरसों - 1/4 टी स्पून
- जीरा - 1/2 टी स्पून
- हरी मिर्च - 1 पूरी (बारीक कटी हुई)
- लहसुन - 5-7 कलिया
- हरा धनियां - 2 टी स्पून (बारीक कटा हुआ)
- अदरक पेस्ट - 1/4 टी स्पून
- प्याज - 1 पूरा (बारीक कटा हुआ)
- टमाटर - 1 पूरा (बारीक कटा हुआ)
उड़द दाल बनाने की विधि:
- सबसे पहले चना दाल और उड़द दाल को दो बार अच्छे पानी से धो लें।
- उड़द दाल और चने की दाल को आधे घंटे तक भिगो कर रख ले लेवे।
- अब सबसे पहले कुकर में 4 कप पानी डालकर चार सीटी आने तक पकाए।
- अब कढ़ाई में तेल डाले और तेल गर्म होने के बाद इसमें सरसों,जीरा और हींग डाल दे।
- अब जीरा और सरसों के तड़क जाने पर इसमें लहसुन का पेस्ट, अदरक का पेस्ट, और कटा हुआ प्याज और हरी मिर्च डाल कर अच्छी तरह से भूनें।
- इन्हें अच्छी तरह से भुन लेने पर लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक और गरम मसाला डालें इसे हिलाकर ऊपर कटा हुआ टमाटर डालें।
- इसमें थोड़ा सा पानी डालकर धीमी आंच पर इन मसालों को अच्छे से पकाएं।
- इन सालों को तब तक पकाएं जब तक यह तेल नहीं छोड़ते।
- आप इन में उबली हुई दाल को डालें और कम से कम 4 -5 अच्छे उबाल आने तक धीमी आंच पर पकाएं।
- जब दाल अच्छे से उबल जाए तो गैस बंद करके इस पर धनिया पत्ती डाल कर अच्छी से मिक्स करें।
- अब तैयार दाल को बाटी के साथ खाएं।
नोट: खाने में स्वाद बढ़ने के लिये इसके साथ सलाद भी रख सकते हैं।
2. पंचमेल दाल (मिक्स दाल)
आवश्यक सामग्री:
- उड़द दाल - 1 कप
- मूंग दाल - 1 कप
- तुअर दाल - 1 कप
- मसूर दाल - 1/2 कप
- चना दाल - 1/2 कप
- तेल - 4 टी स्पून
- लाल मिर्च - 2 टी स्पून
- हल्दी - 1/4 टी स्पून
- नमक - स्वादानुसार
- जीरा - 1/2 टी स्पून
- गरम मसाला - 1/4 टी स्पून
- हरी मिर्च - 1 पूरी (बारीक कटी हुई)
- लहसुन - 5-7 कलिया
- हरा धनियां - 2 टी स्पून (बारीक कटा हुआ)
- अदरक पेस्ट - 1/4 टी स्पून
- प्याज - 1 पूरा (बारीक कटा हुआ)
- टमाटर - 1 पूरा (बारीक कटा हुआ)
पंचमेल दाल (मिक्स दाल) बनाने की विधि:
- सबसे पहले सभी दालों को दो बार अच्छे पानी से धो लें।
- अब इन सभी दालों को आधे घंटे तक भिगो कर रख ले लेवे।
- अब सबसे पहले कुकर में 4 कप पानी डालकर चार सीटी आने तक पकाए।
- अब कढ़ाई में तेल डाले और तेल गर्म होने के बाद इसमें सरसों,जीरा और हींग डाल दे।
- जीरा और सरसों के तड़क जाने पर इसमें लहसुन का पेस्ट, अदरक का पेस्ट और कटा हुआ प्याज, और हरी मिर्च डाल कर अच्छी तरह से भूनें।
- इन्हें अच्छी तरह से भुन लेने पर लाल मिर्च पाउडर हल्दी पाउडर नमक और गरम 7. मसाला डालें इसे ही लाकर ऊपर कटा हुआ टमाटर डालें।
- इसमें थोड़ा सा पानी डालकर धीमी आंच पर इन मसालों को अच्छे से पकाएं।
- इन सालों को तब तक पकाएं जब तक यह तेल नहीं छोड़ते।
- आप इन में उबली हुई दाल को डालें और कम से कम 4 -5 अच्छे उबाल आने तक धीमी आंच पर पकाएं।
- जब दाल अच्छे से उबल जाए तो गैस बंद करके इस पर धनिया पत्ती डाल कर अच्छी से मिक्स करें।
- अब तैयार दाल को बाटी के साथ खाएं।
- नोट: इसके साथ तली हुई हरी मिर्च का सेवन करना भी बहुत स्वादिष्ट लगता हैं।
2. बाटी :
बाटी गेहूं के आटे से बनने वाले छोटे गोले, जिसकी उत्पत्ति मेवाड़ में बप्पा रावल के समय से हुई थी। माना जाता है कि यहां जब राजपूत अपना गढ़ स्थापित करने को युद्ध लड़ने जाते थे तब वो लोग आटे के गोले बना कर रेत में दबा कर जाते थे। जब वापस आकर इन्हें निकालते तब तक यह बाटियां रेत की तपन में पक जाती थी। तब वो इन बाटियो को ऊंट व बकरी के दूध से बने घी और दही के साथ खाते थे। तब उनका यह एक पसंदीदा भोजन हुआ करता था। तो आज भी राजस्थानी भोजन के अंतर्गत बाटी का अहम स्थान होता है, बाटी के बिना राजस्थानी थाली अधूरी मानी जाती है।
बाटी
आवश्यक सामग्री:
- 4 कप गेहूं का आटा
- आधा टीस्पून नमक
- 1/4 टी स्पून बेकिंग पाउडर
- 4 टी स्पून घी या तेल (मोइन के लिए)
- 250 ग्राम घी बाटी चुपड़ने के लिए
- सेकने के लिए कंडे नहीं तो गैस पर सेकने के लिए बाटी का ओवन।
बाटी बनाने की विधि:
- सबसे पहले एक परात में गेहूं का मोटा वाला आटा छान कर लेना होता है।
- इसके बाद उसमें स्वादानुसार नमक मिलाएं।
- आटे में नमक डालने के बाद इसमें बेकिंग पाउडर डालकर आटे को अच्छी तरह से मिक्स करे ।
- अब आटे के इस मिश्रण में मोइन के लिए घी या तेल डाले। आटे में घी या तेल डालने के बाद आटे को अच्छी तरह से मिक्स कर के हाथ में लेकर दबाकर देखे कि आटा बंद मुट्ठी के आकार में बंधना चाहिए , अन्यथा बाटिया नरम नहीं बनती है।
- अब आवश्यकतानुसार धीरे-धीरे इसमें पानी डालकर आटे को गूंथ लेना चाहिए, याद रहे कि रोटी के आटे के मुताबिक बाटी के आटे को थोड़ा गाढ़ा रखना चाहिए।
- अब तैयार आटे को 10 मिनट के लिए ढक कर रख देना चाहिए।
- इसके बाद आटे के रोल बनाकर, इसमें से एक ही आकार के टुकड़े करके उन टुकड़ों को एक-एक करके गोल आकार में बाटी बनाना चाहिए।
- गोल बाटी को ऊपर से तिरछे हाथ से दबाना चाहिए।
- अब इन बनी हुई बाटियों को कंडे पर सेकने के लिए कंडे जलाकर उनको थोड़ा ठंडा होने देते हैं उसके बाद बाटियों को कंडो पर रखकर पलटते हुए सेका जाता है अथवा बाटियों को गैस पर सेकने के लिए धीमी आंच पर गैस चलाकर ओवन में बाटियों को 10 मिनिट तक थोड़ी - थोड़ी देर में पलटते हुए सेका जाता हैं।
- अब ओवन को ढक कर रखें अगले 5मिनिट में बाटिया सिक कर अपने मुंह खोल देती है, ऐसे में समझ जाना चाहिए कि बाटी का मुंह खुलने के बाद बाटिया अच्छे से पक जाती है।
- अब इन सिकी हुई बाटियों में से एक - एक को एक बड़े से कटोरे में बाटी के खुले मुंह की तरफ से घी में डुबोकर निकालकर थाली में दाल के साथ परोस देवें
- नोट: बाटीयो में घी की मात्रा पर्याप्त होने पर ही बाटिया स्वादिष्ट लगती हैं।
बाटियों के प्रकार:-
1. बाफला बाटी
आवश्यक सामग्री:
- गेंहू का आटा 1/2kg
- नमक : 1/2 टी स्पून
- सौंफ : 1/2 टी स्पून
- सूजी : 2 टी स्पून
- तेल : 4 टी स्पून (मोइन के लिए)
- मीठा सोडा : चुटकी भर
बाफला बाटी बनाने की विधि:
- अब इस आटे में नमक,सूजी और सौंफ व मीठा सोडा डाल कर अच्छे से मिक्स करें।
- अब इस में तेल का मोइन डाल कर अच्छे से मिला लेवें।
- अब आटे को थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए गूंद कर बाटी के आकार के गोले बना लेवें।
- इन बाटियो को उबलते हुए पानी में 15 मिनिट तक उबालें।
- उबली हुई बाटियो को पानी से निकालकर थोड़ा ठंडा होने दें।
- बाटियों को ठंडा होने पर इन्हें ओवन में 15 मिनिट तक सेके।
- सिकी हुई बाटियो को घी में डुबोकर निकालकर परोसा जाए।
- Note: सामान्य बाटी के मुताबिक बाफला बाटी ज्यादा नरम और अधिक स्वादिष्ट होती हैं।
2. तलमा बाटी
आवश्यक सामग्री:
- गेंहू का आटा 1/2kg
- नमक : 1/2 टी स्पून
- सूजी : 2 टी स्पून
- घी : 1kg & 4 टी स्पून (मोइन के लिए)
- मीठा सोडा : चुटकी भर
तलमा बाटी बनाने की विधि:
- एक बड़ी परात में आटा छान कर ले लेवे।
- अब इस आटे में नमक,सूजीऔर मीठा सोडा डाल कर अच्छे से मिक्स करें।
- अब इस में घी का मोइन डाल कर अच्छे से मिला लेवें।
- अब आटे को थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी डालते हुए गूंद लेवें।
- गूंथे हुए आटे को छोटे चौकोर आकार के छोटे टुकड़ो में काट लेवें और इन्हें 15 मिनिट के लिए सूखने को रख देवें।
- जितने में गैस पर घी गरम कर लेवें।
- 15 मिनिट बाद एक एक करके इन बाटीयो के चौकोर टुकड़ो को धीमी आँच पर तलें।
- अब इन तली हुई बाटियों को गरमागरम दाल के साथ परोसे।
3. मसाला बाटी
आवश्यक सामग्री:
- गेंहू का आटा 1/2kg
- नमक : 1/2 टी स्पून
- सूजी : 2 टी स्पून
- घी - ⅓ कप (आटा गूथने के लिये)
- घी - ½ कप बाटी को डिप करने के लिये
- बेसन - ½ कप गूंथने के लिए
- काली मिर्च - ¾ छोटी चम्मच
- साबुत धनिया - 1 छोटा चम्मच
- सौंफ - 1 छोटा चम्मच
- जीरा - ½ छोटी चम्मच
- अजवायन - ½ छोटी चम्मच
- बेकिंग सोडा - ¼ छोटी चम्मच से कम
- हींग - 1 चुटकी
- लाल मिर्च पाउडर - ¼ छोटी चम्मच
मसाला बाटी बनाने की विधि:
- सबसे पहले साबुत मसाले जैसे सौंफ,जीरा,काली मिर्ची, धनिया, आदि को थोड़ा नमक मिलाकर मिक्सर में दरदरा पीस कर रख लेना चाहिए।
- इसके बाद एक बड़े से बर्तन में गेहूं का दरदरा आटा, सूजी, बेसन और पीसे हुए मसाले तथा अजवाइन और हींग व बेकिंग सोडा और थोड़ा लाल मिर्च पाउडर डाल कर अच्छे से मिक्स कर लेना चाहिए।
- अब आटे में थोड़ा मोइन के लिए घी डालकर आटा मुट्ठी बंध करने पर बंधने जैसा कर देना चाहिए।
- इसके बाद आटे में थोड़ा - थोड़ा पानी डालकर इसे थोड़ा सख्त गूंथ लेना चाहिए और गूथे हुए आटे को लगभग 15 मिनट के लिए ढक कर रख देना चाहिए, ताकि आटे में मिक्स मसाले एक जैसे मिल जाए।
- 15मिनिट बाद हाथों में घी लगाकर आटे से लोईया तोड़कर गोल - गोल आकार में बाटीयां बनावे
- अब इन बाटियों को माइक्रोवेव में 15 मिनिट के लिए बेक होने दे।
- जब बाटियां अच्छी तरह से सिक जाए तो इनको घी में डिप करके निकाले , गर्मागरम दाल या कड़ी के साथ परोसें वास्तव में यह बहुत ही स्वादिष्ट लगती हैं।
4. मकई की बाटी
आवश्यक सामग्री:
- मक्का आटा - 4कप
- गेंहू आटा - 1कप
- सूजी - 1/2कप
- नमक - स्वादानुसार
मकई बाटी बनाने की विधि:
- मकई की बाटी के लिए एक बर्तन में मक्के का आटा, गेंहू आटा व सूजी आदि लेवें और इसमें नमक डालकर अच्छी से मिक्स करें
- इसके बाद थोड़े - थोड़े आटे में गुनगुना पानी डालते हुए गूंद लेवे (याद रहे कि सारे आटे को एक साथ नही भिगोएं) ।
- अब इस आटे से थोड़ी चपटी छोटी - छोटी बाटियां बनाए।
- इन्हें ओवन या माइक्रोवेव की सहायता से 15 मिनिट तक सेक लें।
- सिकी हुईं मकई की बाटी में घी डाल कर दाल के साथ खाएं और यह बाटी गुड़ साथ खाने में बेहद स्वादिष्ट लगती हैं।
3. चुरमा :
चुरमा यह एक तरह की राजस्थानी स्वादिष्ट मिठाई है जो दाल-बाटी भोजन के साथ खाया जाता हैं। चुरमा यह एक निश्चलता का परिणाम था, यह मेवाड़ के गुहिलोत कबीले के 1रसोइए ने गलती से कुछ बाटियों में गन्ने का रस डाल देने से बाटी मीठी ही नहीं बल्कि नरम और ताजा बाटी के रूप में भी उत्पन्न हुई । इसके बाद से धीरे-धीरे कबीले की महिलाओं ने अपने पतियों के लिए बाटी को नरम और ताजा बनाने के प्रयास में मीठे पानी उपयोग करना शुरू किया जो आज चूरमे के रूप में विख्यात हुआ। इस तरह चूरमे की उत्पत्ति मेवाड़ में कबीले के एक रसोइए के द्वारा हुई जो आज भी राजस्थानी भोजन का अहम हिस्सा माना जाता हैं।
चुरमा के प्रकार:-
साधारण चुरमा सामग्री:
- गेंहू का दरदरा आटा - 4 कप
- पीसी हुई शक्कर - 4 कप या (गुड़ - आटे का आधा )
- देशी घी - ¼ ltr
- इलायची बुरा - 1/4 टी स्पून
- बादाम कतरन - 40 ग्राम
- काजू कतरन - 40 ग्राम
साधारण चुरमा बनाने की विधि :
- सबसे पहले आटे को एक बर्तन में छान लें।
- इसके बाद आटे में थोड़ा घी का मोइन डालें।
- आटे को अच्छा मिलाकर गुनगुने पानी का छिड़काव करते हुए इसे थोड़ा नम करें (मोगरी पटके)।
- अब इस नम आटे से बाटी से थोड़े बड़े गोले बनाएं।
- अब इन गोलों को ओवन में धीमी आंच पर 15 - 20 मिनिट तक सेक लें।
- गोले अच्छे सिक जाए तो इन्हें ठंडा होने पर फोड़ कर मिक्सर की सहायता से बुरा कर लें।
- इसके बाद इस बुरे को फिर से किसी बर्तन में ले लेवें।
- अब इसमें काजू बादाम कतरन डाल कर हिला देवे।
- इसके बाद अब इसमें शक्कर और घी मिलाकर इसमें इलायची पाउडर मिला देवे।
- अंत में इसे दोनो हाथों से अच्छा सा हिलाकर मिक्स करें और लड्डू बनाकर दाल - बाटी के साथ परोसें।
Note: गुड़ का चूरमा बनाने के लिए इसमें शक्कर की जगह गुड़ का उपयोग करते है।
2. गुलाब चुरमा
आवश्यक सामग्री:
- गेंहू का दरदरा आटा - 2 कप
- पीसी हुई शक्कर - 1 कप
- बेसन - 1कप
- सूजी - 1कप
- दूध - 1कप
- मलाई या घी - 1/2 कप
- इलायची पाउडर - 1/2 टी स्पून
- काजू-बादाम कतरन - 20 ग्राम
- पिस्ता कतरन - 10 ग्राम
- देशी गुलाब - 3 फूल
- गुलाब का ऐंसस - 1/4 टी स्पून
- मीठा रंग - चुटकी भर
गुलाब चुरमा बनाने की विधि:
- सबसे पहले गुलाब की पत्तियों को धोकर थोडे से दूध में आधे घंटे के लिए भिगोकर रख देवें।
- अब आटा,बेसन और सूजी को एक बड़े बर्तन ले लेवें।
- अब भीगे हुये गुलाब की पत्तियों को मिक्सी में पीस ले।
- अब इस पेस्ट को आटे में डालें साथ में घी का मोईन भी डाल कर अच्छे से मिलाये।
- इसके बाद इसमें दूध दाल कर थोड़ा मथ लेवें।
- अब इसका बाटियों जैसे गोले बनाएं और इन्हे ओवन में 20 मिनिट सेंक लें। अथवा इन्हे घी में तल भी सकते हैं।
- इन्हें सेकने के बाद ठंडा होने पे मिक्सर में दरदरा पीस कर छाने।
- अब इसमें पेसि हुई शक्कर और सूखे मेवे तथा इलायची पाउडर, गुलाब एसेंस व् चुटकी भर मीठा रंग मिला लें।
- अब इसके गोल लड्डू बनाये और सर्व करें।
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Comments
ram sharma Sep 29, 2023
thanks for sharing this comment