Hariyali Teej: Nurturing Traditions Beneath the Monsoon Skies

Hariyali Teej Festival Celebration

 

हरियाली तीज वर्षा ऋतु या मानसून के दौरान मनाया जाने वाला एक तीज का त्योहार है । हरियाली तीज भारत के उत्तरी और पश्चिमी राज्यों में धूम-धाम से मनाया जाता है। यह तीज का उत्सव, मानसून के कारण पनपी हरियाली, विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों , अनुष्ठानों और रीतियों के साथ पक्षियों के आने पर हर्षोल्लास से मनाने का त्योहार है, इसलिये इस तीज के त्योहार को सावन कि तीज, सावनी तीज, हरियाली तीज या श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है । तीज का ये उत्सव मुख्यत: महिलाओं द्वारा मनाया जाता है । इस त्योहार में महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियां की जाती है जैसे – पूजा, गायन और नृत्य, लहरिया साड़ियाँ या ओढ़नी पहनना, मेहंदी लगाना, और हरियाली तीज के दिन झूले झूलना आदि शामिल हैं।
 

हरियाली तीज कब मनाई जाती है ?

 

हरियाली तीज का त्योहार हिन्दी पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष श्रावण के महीने मे अधिक मास आया है अतः हरियाली तीज उत्सव भारत मे सभी स्थानों पर सावन माह के अधिक मास मे शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा । इस वर्ष 2023 मे श्रावणी तीज या हरियाली तीज का ये त्योहार ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 19 अगस्त को को मनाया जाएगा।
 

हरियाली तीज 2023 का समय और तिथि –

शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ - 18 अगस्त, 2023 को शाम 08:01 से

शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का समापन - 19 अगस्त, 2023 को रात्रि 10:19 बजे तक

 

हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है ? या हरियाली तीज का महत्व

 

सावनी तीज का यह विशेष त्योहार देवी पार्वती को समर्पित है ।  माँ पार्वती को तीज माता के नाम से भी पुकारा जाता है। हरियाली तीज का ये उत्सव बहुत खास होता है क्योंकि यह तीजोत्सव सावन महीने के दौरान आता है और इस विशेष दिवस पर देवों के देव महादेव और देवी पार्वती की पूजा और उपासना की जाती है । सभी महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और उनकी लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था । माता पार्वती ने अनेक वर्षों तक भगवान शिव के लिए तप और ध्यान किया । माँ पार्वती ने जब 108 वां जन्म लिया तब भगवान शिव ने उन्हें हरियाली तीज के दिन ही अपनी अर्धागिनी के रूप में स्वीकार किया था । माता पार्वती को तीज माता के नाम से भी जाना जाता है।

 

हरियाली तीज का त्योहार कहाँ-कहाँ मनाया जाता है?

 

भारत मे तीज या हरियाली तीज का त्योहार विशेष रूप से उत्तरी और पश्चिमी भारत के राज्यों - राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और बिहार में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है । भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी हरियाली तीज का ये त्योहार मनाया जाता है ।

 

किस जगह की हरियाली तीज प्रसिद्ध है ? या जयपुर मे हरियाली तीज का त्योहार कैसे मनाया जाता है ?

 

राजस्थान मे जयपुर की हरियाली तीज विश्व प्रसिद्ध है । हरियाली तीज के दिन तीज माता की शाही सवारी गुलाबी शहर के सिटी पैलेस से लेकर तालकटोरा तक निकाली जाती है ।  यह जुलूस राजस्थान पर्यटन विभाग एवम् जयपुर सिटी पैलेस प्रशासन के सहयोग से निकाला जाता है । तीज माता की शाही सवारी का जुलूस पारंपरिक गाजे बाजे के साथ निकाला जाता है और ये जुलूस जनाना ड्योढ़ी से छोटी चोपड़, गणगौरी बाज़ार से चोगान स्टेडियम से होते हुए तालकटोरा पहुंचता है ।

गुलाबी शहर जयपुर मे तीज माता की शाही सवारी का ये जुलूस दो दिन निकाला जाता है । जयपुर मे हरियाली तीज का जुलूस  2023 मे 19 अगस्त और 20 अगस्त को निकाला जाएगा । जयपुर मे तीज के दिन लोक कलाकार नाचते-गाते हुए रथ, पालकियों, बैलगाड़ी एवम् जुलूस के साथ चलते हैं। हरियाली तीज के अवसर पर घेवर (पारंपरिक मिठाई) का आनंद लिया जाता है ।

जयपुर के प्रसिद्ध गोविन्ददेव जी के मंदिर मे हरियाली तीज के अवसर पर गोविन्ददेव जी को एक विशेष लहरिया पहना कर उनका विशेष श्रृंगार किया जाता है । हर वर्ष जयपुर मे तीज के इस ख़ास उत्सव को देखने के लिए हजारों कि संख्या मे लोग आते है ।

 

हरियाली तीज के दिन महिलाएं क्या-क्या करती है ?

 

हरियाली तीज के दिन महिलाएं व्रत/उपवास रखती है । सावनी तीज के दिन सभी महिलाएं माँ पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती है । महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अपने मंगलमयी वैवाहिक जीवन की कामना करती है । अविवाहित कन्याएँ इस दिन भगवान शिव की आराधना और उपासना करती है, और उनके जैसे वर का आशीर्वाद मांगती हैं । सभी महिलाएं तीज के दिन लहरिया जो कि रंग बिरंगे वस्त्र होते है, पहनती है । लहरिया मे पीले, लाल, नीले, हरे, गुलाबी आदि चमकदार रंगों का मिश्रण होता है ।

हरियाली तीज का ये पावन त्योहार नवविवाहित कन्याओं के लिए अधिक विशेष होता है क्योंकि तीज के अवसर पर उनके सास-ससुर और माता-पिता उन्हें विभिन्न प्रकार के उपहार भेंट करते है । इन उपहारों मे लहरिया कपड़े, चूड़ियां, जेवर, पायल, बिंदी, मेहंदी, श्रृंगार सामग्री,  फल, घेवर, मिठाई आदि होते है ।

हरियाली तीज को सिंजारा तीज के नाम से भी जाना जाता है । हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं हाथों और पैरों पर विभिन्न प्रकार कि मेहंदी के डिज़ाइन बनाती है । तीज के दिन बगीचों में पेड़ों पर झूले डाले (लगाये) जाते है और सभी महिलाएं उन झूलों पर झूला झूलती है, और तीज त्योहार का बहुत आनंद लेती है ।

 

हरियाली तीज उत्सव के जुलूस में भाग लेने के लिए जयपुर कैसे पहुंचे ?

 

  सड़क मार्ग द्वारा: आप अगर सड़क मार्ग द्वारा जयपुर आने का प्लान कर रहे है तो आप आसानी से यात्रा का आनंद लेते हुए जयपुर पहुँच सकते है क्योंकि गुलाबी शहर जयपुर राजस्थान और अन्य सभी राज्यों के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप जयपुर पहुँचने के लिए कार, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या प्राइवेट ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर सकते है ।

 रेल मार्ग द्वारा: जयपुर भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा भी अच्छे से जुड़ा हुआ है । अतः आप अगर रेल मार्ग द्वारा जयपुर आने का प्लान कर रहे है तो आपको गुलाबी शहर पहुँचने मे किसी भी प्रकार कि कोई परेशानी नहीं होगी ।

 हवाई मार्ग द्वारा: जयपुर में एक अर्न्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा  भी है  जिसे सांगानेर हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है ।  जयपुर से दिल्ली, मुम्बई, जोधपुर, उदयपुर, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, एवं अन्य स्थानों से नियमित घरेलू उड़ान संभव है। जयपुर से अर्न्तराष्ट्रीय उड़ानें जैसे - सिंगापुर, दुबई, मस्कट, और बैंकॉक आदि संभव है ।

 


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