5 Raksha Bandhan Gift Ideas to Surprise Your Beloved Sister

Raksha Bandhan Gift Ideas

 

रक्षाबंधन 2023

परिचय:- हिंदू धर्म संस्कृति के अनुसार प्रतिवर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा यानी कि सावन महीने के अंतिम दिन रक्षाबंधन का ये पावन पर्व मनाया जाता है जो कि इस वर्ष 30 अगस्त 2023, बुधवार को मनाया जा रहा है। लेकिन इस वर्ष 30 अगस्त को भद्रा के कारण रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त रात्रि 9 बजकर 2 मिनिट से प्रारम्भ होकर 31 अगस्त को प्रातः 7 बजकर 5 मिनट तक शुभ माना जा रहा है ।

जैसा कि हमे रक्षाबंधन नाम से ही इसका शाब्दिक अर्थ 'रक्षा को बाध्य' प्रतीत हो रहा है, ठीक वैसे ही इस पर्व को रक्षा का त्योहार माना जाता है। यह दिन भाई-बहन के लिए बहुत ही खास होता हैं तथा इस पर्व को भाई-बहन का त्योहार माना जाता है । इस दिन भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है तथा बहन भी अपने भाई की लम्बी उम्र और तरक्की की कामना करते हुये माथे पर टीका लगा कर हाथ की कलाई पर एक रक्षासूत्र बांधती है, जिसे "राखी" कहते हैं तथा एक-दूसरे का मुँह मीठा करवाते हैं । इसके अलावा इस अवसर पर भाई अपनी बहन को उपहार भी देते हैं साथ ही बहन भी भाई को नारियल देती हैं ।

इस पर्व को श्रावण माह में मनाने से इसे श्रावणी तथा दूसरे शब्दों में इसे सलूनो भी कहा गया हैं। यह पर्व भाई - बहन के स्नेह को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है । रक्षाबंधन भारत के अलावा नेपाल, मलेशिया और जहां भारतीय लोग निवास करते हैं उन अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा है ।

रक्षाबंधन के बारे मे वो सबकुछ जो आपको जानना चाहिए - Everything About Raksha Bandhan You Should Know 

तो आइये आगे हम जानते है कि रक्षाबंधन पर्व क्यों मनाया जाता है ?

रक्षाबंधन पर्व बनाने के पीछे कई ऐतिहासिक एवं पौराणिक प्रसंगों का उल्लेख हम देख सकते है । अतः कहा जाता हैं कि रक्षाबंधन पर्व मनाने के पीछे कई तथ्य छिपे हुए हैं । तो आइए हम आज आपको उन मुख्य प्रसंगो से अवगत कराते हैं जिसके अनुसार रक्षाबंधन की शुरुआत हुई -

1. एक समय की बात है कि देवराज इंद्र और राक्षसों के बीच युद्ध चल रहा था तो उस युद्ध के दौरान देवराज इंद्र बार-बार राक्षसों से परास्त होते जा रहे थे । इस तरह बार-बार राक्षसों के हाथों देवता भी इस हार से निराश होने लगे । उस समय इंद्र की पत्नी शची इंद्राणी ने अपने पति की रक्षा के लिए कठिन तपस्या शुरू की और अपने तपोबल से अपनी ही साड़ी को फाड़कर एक रक्षा सूत्र बनाया । यह रक्षा सूत्र श्रावण माह की पुर्णिमा पर इंद्राणी ने देवराज इंद्र की कलाई पर बांधा । उसके बाद इंद्राणी के तपोबल से युक्त रक्षा सूत्र के प्रभाव से देवराज इंद्र ने राक्षसों को पराजित कर उन पर विजय प्राप्त करने में सफल हुए। तब से ही हिंदू धर्म में इस पर्व पर एक स्त्री द्वारा पुरुषों के हाथ में रक्षासूत्र बाँधने की शुरुआत हो गई थी ।

2. रक्षाबंधन से जुड़ा हुआ एक मुख्य प्रसंग यह भी उल्लेखनीय माना गया है जो चित्तोड़ की महारानी कर्मावती से संबंधित है । कहा जाता है कि जब एक बार गुजरात के शासक बहादुर सिंह ने अचानक चित्तौड़ पर आक्रमण बोल दिया था तब महारानी कर्मावती ने बादशाह हुमायूं को एक धागे के साथ रक्षा का एक पैगाम भेजा और उस समय कर्मावती ने हुमायूं को अपना भाई मानते हुए उनसे अपनी सुरक्षा की प्रार्थना की ।

बादशाह हुमायूं यह रक्षा सूत्र और संदेश पढ़कर सरल स्वभाव में विचलित होकर भाव-विभोर हो गए थे और अपनी इस अनदेखी सी बहन के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए तुरंत अपने विशाल सेना लेकर चित्तौड़ आ गए लेकिन जब हुमायूं की सेना चित्तौड़ पहुंची तब तक महारानी कर्मावती और चित्तौड़ की हजारों वीरांगनाएं अपनी रक्षा करते-करते खुद को अग्निदाह कर दिया था ।

उसके बाद हुमायूं ने महारानी कर्मावती की चिता की राख से अपने माथे पर तिलक लगाया और अपनी इस बहन कर्मावती के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए वचन दिया । यह इतिहास के पन्नों पर भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया । तब से आज भी इस पर्व रक्षाबंधन के इस पर्व पर एक बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए अपनी रक्षा की कामना करती हैं। इतिहास में यह एक अविस्मरणीय अध्याय के रूप में भी जुड़ गया था। इस ऐतिहासिक घटना के बाद से ही परंपरा बनी थी कि कोई भी महिला या युवती जब किसी व्यक्ति को राखी बांधती है तो वह उसका मुंह बोला भाई भी माना जाता हैं।

3. दूसरी ओर एक कथा के अनुसार यह भी माना जाता है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेने के बाद ब्राह्मण का वेश धारण कर अपनी दानशील प्रवृत्ति के लिए तीनों लोको में प्रसिद्ध राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी थी । तब बलि के द्वारा भगवान विष्णु की मांग स्वीकार कर लिए जाने पर भगवान वामन ने अपने पग से संपूर्ण पृथ्वी को नापते हुए बलि को धरती से पाताल लोक में भेज दिया था, कहा जाता है कि उसी की याद में रक्षाबंधन के रूप मे श्रावण मास की पुर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है ।

रक्षाबंधन के अवसर पर अपनी बहन को क्या उपहार दे :-

भाई - बहन का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता होता है जिसमें बहुत सारा प्यार और कई बार तकरार भी खूब होती है, परंतु यह रिश्ता एक ऐसा रिश्ता है जहाँ अटूट विश्वास भी होता है। इस रिश्ते के लिए रक्षाबंधन एक खास पर्व होता हैं जिस दिन भाई-बहन आपस में एक दूसरे को राखी बांधते है और इस उपलक्ष में बहिन भाई को नारियल और भाई बहन को उपहार देते है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन के पर्व आप अपनी बहन को इस तरह के उपहार देकर बहुत खुश कर सकते हैं :-

1. वस्त्र उपहार :- रक्षाबंधन पर आप अपनी बहन को एक अच्छा सा आउटफिट दे सकते हैं जो उसे पसंद हो, जैसे कि कोई पार्टी वियर साड़ी या आलिया कट या नाइरा कट सलवार-सूट जिसका अभी बहुत चलन भी है । अगर बहन शादीशुदा है तो आप उसे कम बजट का लाइट वेट लहंगा भी दे सकते हैं जो आगामी तीज त्योहार पर वह पहन कर बहुत खुश होंगी । इसके अलावा जींस टॉप का तो ट्रेंड है ही और या फिर एक अच्छी ब्रांड का स्पोर्ट्स ड्रेस भी दे सकते हैं जो उसे काफी पसंद आएगा ।

2. फोटो फ्रेम :- रक्षाबंधन के त्योहार पर आप अपनी बहन को फोटो फ्रेम देकर भी खुश कर सकते हैं । फोटो फ्रेम में अपने पूरे परिवार के सदस्यों की फोटो की कोलाज बनाकर फ्रेम में सेट करके दे सकते हैं । इसके अलावा अपनी बहन के साथ की बचपन की फोटो भी फ्रेम के साथ दे सकते हैं और हो सके तो बचपन में रक्षाबंधन के त्योहार की कोई फोटो देकर अपनी पुरानी यादें ताजा करवा सकते हैं जिससे हो सकता हैं ऐसे चित्रों को देख कर वह बहुत खुश हो जायेगी।

3. राशि के अनुसार उपहार :- प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आता रहता है इस विचार पर जोर देते हुए आप अपनी बहन को वास्तु के अनुसार अर्थात बहन की राशि के अनुसार कुछ ऐसे उपहार भी दे सकते हैं जिसकी सहायता से उसके जीवन में सुख - समृद्धि बनी रहे । यह भी उसके लिए एक महत्वपूर्ण उपहार होगा जो कि अपनी बहन के जीवन में खुशियां ला सकता हैं । तो आप अपनी बहन को उसकी राशि के अनुसार इस तरह के उपहार दे सकते है जैसे :- सोने-चांदी व ताम्ब्र धातु के आभूषण, घोड़े की नाल के उपकरण तथा पीले रंग के आभूषण, राशि रत्न के आभूषण आदि देकर अपनी बहन को खुश कर सकते हैं।

4. स्मार्ट वॉच :- इस बार रक्षाबंधन पर्व पर स्मार्टवॉच जैसा अनोखा उपहार दे सकते है। यह उपहार आपकी बहन के लिए काफी हद तक फायदेमंद हो सकता है। ऐसे उपहार को पाकर शायद उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना न रहे, क्योंकि नार्मल वॉच सिर्फ समय बताती है परन्तु स्मार्टवॉच तो आजकल हर इंसान की जरुरत हो गयी है क्योंकि यह आपकी दैनिक गतिविधियों को आसान करती है तथा सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इससे आपको बार-बार स्मार्टफोन हाथ में नहीं लेना होता है अर्थात कॉल लगाना-उठाना तथा मैसेज करना-देखना आदि मुख्य कार्य इस पर ही हो जाते है। इसके अलावा भी स्मार्टवॉच डेली एक्टिविटी के साथ हमारी फिटनेस गोल्स, फुट स्टेप्स काउंटिंग, ब्लड-प्रेशर, वुमेन्स हैल्थ तथा हार्ट रेट आदि अपडेट भी हमे बताती है । इसीलिए स्मार्टवॉच एक आम जरूरत हो गयी है जिसे पाकर शायद आप अपनी बहन को भी बहुत खुश कर सकते है।

5. वित्तीय उपहार :- रक्षाबंधन पर्व पर अपनी बहन को दिए जाने वाले सभी उपहारों में से यह एक खास उपहार होगा । इसके अंतर्गत आप अपनी बहन के लिए पोस्टऑफिस, एलआईसी, या कोई अन्य ग्रुप में एफडी करवा सकते हैं। जिससे उसके भविष्य में आर्थिक विकास स्तर में मजबूती आएगी । दूसरी और रक्षा बंधन के ऐसे मौके पर बहन के सेविंग अकाउंट में कुछ राशि भी जमा करवा सकते हैं जिसका वह उसकी जरूरत अनुसार पैसों का उपयोग कर सकें। इसके अलावा भी आप इस अवसर पर अपनी बहन को शेयर भी खरीद कर ट्रांसफर कर सकते हैं जिसकी कीमत बढ़ने पर उसे और ज्यादा मुनाफा मिलता रहेगा इससे भी उसे बहुत खुशी मिलेगी।


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