बेणेश्वर मेला 2024: त्रिवेणी संगम, संस्कृति व परंपरा का महोत्सव
बेणेश्वर मेला 2024: त्रिवेणी संगम पर संस्कृति व परंपराओं का महोत्सव
बेणेश्वर मेला 2024: बेणेश्वर मेला या बाणेश्वर मेला राजस्थान के डूंगरपुर जिले के बेणेश्वर महादेव मंदिर धाम में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक लोकप्रिय आदिवासी मेला व त्योहार है। बेणेश्वर मेला या बाणेश्वर मेला हिन्दू पंचांगानुसार माघ शुक्ल पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता है और हर वर्ष इस मेले मे भाग लेने के लिए हजारों देशी और विदेशी पर्यटक आते है ।
बेणेश्वर महादेव या बाणेश्वर महादेव का मंदिर इस क्षेत्र की तीन प्रमुख नदियों – सोम, माही, और जाखम के संगम पर स्थित है । इस तीनों नदियों के संगम को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है । बेणेश्वर महादेव मंदिर धाम सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित है । डुंगरपुर के इस प्रसिद्ध त्योहार में यहाँ की लोक कलाओं जैसे – नृत्य और संगीत का प्रदर्शन देखने को मिलता है ।
बेणेश्वर मेला या बाणेश्वर मेला आदिवासीयों का सबसे बड़ा मेला है जिसे “आदिवासियों का महाकुंभ” और “राजस्थान का कुम्भ” के नाम से भी जाना जाता है । इसके अलावा बेणेश्वर धाम को “वागड़ का पुष्कर”, वागड़ा का कुंभ” और आदिवासियों का हरिद्वार” के नाम से भी जाना जाता है ।
इस ब्लॉग में हम बेणेश्वर मेला 2024 के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे जैसे – बेणेश्वर मेला 2024 में कब आयोजित होगा, बेणेश्वर मेले में आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं, डुंगरपुर के पर्यटक स्थल और बेणेश्वर कैसे पहुँचें आदि ।
बेणेश्वर मेला 2024 में कब आयोजित होगा ?
2024 में बेणेश्वर मेले का आयोजन 20 फरवरी से 24 फरवरी तक किया जाएगा । हर वर्ष बेणेश्वर मेले का आयोजन हिन्दू पंचांगानुसार माघ शुक्ल एकादशी से माघ शुक्ल पूर्णिमा के बीच होता है ।
बेणेश्वर मेला कहाँ आयोजित होता है ?
बेणेश्वर मेला हर वर्ष राजस्थान के डुंगरपुर जिले में सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर श्री बेणेश्वर महादेव मंदिर धाम प्रांगण में बहुत ही धूमधाम से आयोजित होता है । श्री बेणेश्वर महादेव मंदिर धाम डुंगरपुर से करीब 70 किमी. दूरी पर स्थित है ।
डुंगरपुर का बेणेश्वर मेला राजस्थान का सबसे बड़ा आदिवासी मेला है जिसमे प्रतिवर्ष राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के आदिवासी श्रद्धालु बहुत बड़ी संख्या में भाग लेने आते है ।
बेणेश्वर मेला क्यों आयोजित किया जाता है ?
बेणेश्वर धाम एक बहुत ही तपस्वी संत मावजी की तपोस्थली है जिन्होने 300 वर्ष पूर्व यहाँ पर तपस्या की थी । मावजी को श्रद्धालु भगवान विष्णु का अवतार मानते है । बेणेश्वर मेला वास्तव में एक नहीं बल्कि दो मेले है । एक मेला भगवान शिव यानि की बेणेश्वर महादेव के सम्मान में आयोजित होता है और दूसरा भगवान विष्णु को समर्पित है ।
बेणेश्वर मेले की शुरुआत माघ शुक्ल एकादशी से हो जाती है । इस दिन साबला के श्री हरी मंदिर से एक विशाल पालकी यात्रा श्री बेणेश्वर महादेव मंदिर धाम पहुँचती है । इस विशाल जुलूस के साथ संत मावाजी की एक चाँदी की मूर्ति भी मेले स्थल तक लायी जाती है ।
बेणेश्वर धाम के मुख्य पुजारी जिन्हें मठाधीश कहा जाता है, जब वो बेणेश्वर के त्रिवेणी संगम में स्नान करते है तो उनके साथ सब श्रद्धालु भी इस पवित्र त्रिवेणी संगम के पानी में स्नान करते है और फिर भगवान शिव (बेणेश्वर महादेव) के दर्शन करते है । इसके साथ ही जिनके परिवारों में अगर किसी की मृत्यु हुई है तो वे अपने परिजनों की अस्थियों का विसर्जन त्रिवेणी संगम में करते है और उनकी मुक्ति की कामना करते है
बेणेश्वर मेला 2024 में आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम –
श्री बेणेश्वर महादेव मेला 2024 का शुभारंभ 20 फरवरी से होगा और यह प्रसिद्ध मेला 24 फरवरी तक चलेगा । इस दौरान बेणेश्वर धाम में कई कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी जिनका विवरण नीचे दिया गया है –
प्रतियोगिता व मेला स्थल: श्री बेणेश्वर महादेव मेला धाम साबला, पंचायत समिति साबला, जिला डुंगरपुर
दिनांक: 20 फरवरी 2024
प्रतियोगिता: एथेलेटिक्स एवं सतौलिया प्रतियोगिता
दिनांक: 21 फरवरी 2024
प्रतियोगिता: तीरंदाजी एवं गीडाडोट प्रतियोगिता
दिनांक: 22 फरवरी 2024
प्रतियोगिता: वालीबॉल पुरुष वर्ग, रस्साकसी (पुरुष व महिला वर्ग) एवं भजन मंडली सत्संग
दिनांक: 23 फरवरी 2024
प्रतियोगिता: मटका दौड़ फ़ाइनल, रस्साकसी फ़ाइनल (पुरुष व महिला वर्ग)
दिनांक: 24 फरवरी 2024
प्रतियोगिता: साफा बांधों प्रतियोगिता, वागड़ श्री एवं वागड़ नी रूपारी प्रतियोगिता, गैर नृत्य प्रतियोगिता
बेणेश्वर मेला 2024 में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं –
श्री बेणेश्वर महादेव मेला 2024 में आयोजित होनी वाली विभिन्न प्रतियोगिताएं, आयु वर्ग एवं इनामी राशि से संबन्धित जानकारी नीचे सारणी में दी गयी है -
प्रतियोगिता |
प्रकार |
आयु |
पारितोषिक / ईनाम राशि |
एथलेटिक्स |
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दौड़ – बालक वर्ग | 100, 400, 800 मीटर दौड़ | 16 वर्ष से कम |
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दौड़ – पुरुष वर्ग | 100, 800, 1500 मीटर दौड़ | 16 वर्ष से अधिक |
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दौड़ – बालिका वर्ग | 100, 400, 8000 मीटर दौड़ | 16 वर्ष से कम |
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दौड़ – महिला वर्ग | 100, 400, 8000 मीटर दौड़ | 16 वर्ष से अधिक |
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तीरंदाजी |
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तीरंदाजी - बालक वर्ग | 20, 30, 40 मीटर दूरी | 16 वर्ष से कम |
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तीरंदाजी - पुरुष वर्ग | 30, 40, 50 मीटर दूरी | 16 वर्ष से अधिक |
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तीरंदाजी - बालिका वर्ग | 20, 30, 40 मीटर दूरी | 16 वर्ष से कम |
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तीरंदाजी - महिला वर्ग |
30, 40, 50 मीटर दूरी |
16 वर्ष से अधिक |
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अन्य प्रतियोगिताएं |
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मटका दौड़ | केवल महिलाओं के लिए (स्थानीय और विदेशी) |
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वालीबाल | केवल पुरुषों के लिए |
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सतौलिया व गिडाडोट | केवल पुरुषों के लिए |
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रस्साकसी | पुरुषों एवं महिलाओं के लिए |
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आकर्षक भजन मंडली कार्यक्रम | केवल आदिवासी भक्तों एवं संतों के लिए |
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साफा बांधो प्रतियोगिता | केवल पुरुषों के लिए (स्थानीय और विदेशी) |
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वागड़ श्री प्रतियोगिता | केवल पुरुषों के लिए |
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वागड़ नी रूपारी प्रतियोगिता | केवल महिलाओं के लिए |
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गैर नृत्य प्रतियोगिता | अलग-अलग दलों द्वारा नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से कारवाई जाएगी | - |
अगर आप बेणेश्वर मेले में भाग लेने का सोच रहे है तो कुछ महत्वपूर्ण बातें जो आपको पता होनी चाहिए –
- रस्साकसी की प्रतियोगिता में एक टीम में अधिकतम 9 खिलाड़ी भाग ले सकते है ।
- सतौलिया और गीडाडोट की प्रतियोगिता में एक टीम में अधिकतम 7 खिलाड़ी भाग ले सकते है ।
- तीरंदाजी प्रतियोगी में प्रतिभागी अपना – अपना धनुष तीर लेकर आए ।
- गैर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगी ग्रुप अपनी अपनी वेषभूषा और आवश्यक सामग्री साथ लेकर आए ।
- भजन मंडली प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रत्येक ग्रुप में 15 सदस्य होना अनिवार्य है ।
- भजन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगी ग्रुप क्रमशः अपनी अपनी वेषभूषा और वाद्ययंत्र जैसे – ढोलक, मंजीरे, हारमोनियम आदि साथ लेकर आए ।
- गैर व भजन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले ग्रुप 19 फरवरी 2024 शाम तक अपना रजिस्ट्रेशन श्री प्रदीपकुमार मीणा (नेहरू युवा केंद्र के अधिकारी) के पास अविलम्ब करना सुनिश्चित करें ।
- 19 फरवरी के पश्चात किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा ।
डुंगरपुर के आसपास के पर्यटन स्थल जो आपको अवश्य देखने चाहिए:
अगर आप श्री बेणेश्वर महादेव मेला 2024 में जाने का मन बना रहे है तो आपको डुंगरपुर के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल का दौरा भी अवश्य करना चाहिए । डुंगरपुर के कुछ दर्शनीय पर्यटन स्थल इस प्रकार है –
- उदय विलास पैलेस
- क्षेत्रपाल मंदिर
- गलियाकोट गाँव
- गैब सागर झील
- गोध मंडप
- जूना महल
- डुंगरपुर टाउन
- देव सोमनाथ
- नागफन जी
- फतेह गढ़ी
- बड़ौदा गाँव
- बादल महल
- बेणेश्वर महादेव मंदिर
- बोरेश्वर महादेव मंदिर
- भुवनेश्वर
- राजकीय पुरातात्विक संग्रहालय
- विजय राजराजेश्वर मंदिर
- श्रीनाथजी का मंदिर
- सुरपुर मंदिर
बेणेश्वर मेला 2024 में भाग लेने के लिए डुंगरपुर कैसे पहुंचे ?
सड़क मार्ग द्वारा: राजस्थान का डुंगरपुर जिला सभी प्रमुख शहरों द्वारा सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है । कुछ प्रमुख शहरों से श्री बेणेश्वर महादेव धाम की दूरी –
- उदयपुर – 120 किमी.
- अहमदाबाद – 234 किमी.
- जोधपुर – 359 किमी.
- अजमेर – 365 किमी.
- जयपुर – 481 किमी.
- दिल्ली – 794 किमी.
रेल मार्ग द्वारा: रेलवे स्टेशन डुंगरपुर शहर से करीब 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहाँ से हिम्मतनगर-डूंगरपुर-उदयपुर रेल्वे लाइन गुजरती है । डुंगरपुर का निकटतम बड़ा रेल्वे स्टेशन उदयपुर सिटी रेल्वे स्टेशन (UDZ) है । उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन से श्री बेणेश्वर महादेव धाम करीब 115 किमी. की दूरी पर स्थित है ।
आप उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन से टैक्सी, प्राइवेट या सरकारी बस द्वारा बेणेश्वर धाम आसानी से पहुँच सकते है ।
हवाई मार्ग द्वारा: डुंगरपुर का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में स्थित महाराणा प्रताप हवाई अड्डा (यूडीआर) है इसे डबोक हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है । यहाँ से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, भोपाल, सूरत, इंदौर, राजकोट आदि के लिए नियमित और मौसमी हवाई सेवा उपलब्ध है ।
डबोक हवाई अड्डे से श्री बेणेश्वर महादेव मेला धाम करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । डबोक हवाई अड्डे से आप टैक्सी या बस के माध्यम से श्री बेणेश्वर धाम आसानी से पहुँच सकते है ।
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