नागौर पशु मेला 2024: राजस्थान का शानदार पशुधन महोत्सव
नागौर पशु मेला 2024: राजस्थान के प्रसिद्ध पशुधन मेले का आकर्षण, उत्सव, और विशेषताएं
नागौर पशु मेला 2024: राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर वर्ष पर्यंत विभिन्न पशु मेले आयोजित किये जाते है उनमे से ही एक विश्व प्रसिद्ध पशु मेला जिसे “नागौर पशु मेला” के नाम से जाना जाता है, के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।
नागौर पशु मेले को “श्री रामदेव पशु मेला नागौर”, “नागौर मेला”, “नागौर कैटल फैयर”, “नागौर पशुधन महोत्सव” व “नागौर महोत्सव” आदि नामों से भी जाना जाता है । हर वर्ष नागौर पशु मेला जनवरी महीने के अंत में या फरवरी महीने में मनाया जाता है । वर्ष 2024 में नागौर पशु मेला फरवरी 15 से फरवरी 18 तक आयोजित होगा ।
नागौर का यह पशु मेला सिर्फ एक पशु मेला नहीं है अपितु यह नागौर की संस्कृति और विरासत का एक जीवंत उत्सव है । आइए अब विस्तार से “नागौर पशु मेला 2024” के बारे में जानते है –
नागौर पशु मेला 2024 कब और कहाँ आयोजित किया जाएगा ?
नागौर पशु मेला हिन्दी महीनों के अनुसार माघ महीने में आयोजित किया जाता है । इस वर्ष नागौर पशु मेला 15 फरवरी से 18 फरवरी तक आयोजित होगा । नागौर मेला 2024, जिसे नागौर पशु मेला 2024 के नाम से भी जाना जाता है, प्रतिवर्ष राजस्थान के नागौर जिले के मानसर गाँव में आयोजित किया जाता है, जो नागौर से लगभग 6 से 7 किलोमीटर दूर स्थित है ।
नागौर पशु मेला जिसे “श्री रामदेव पशु मेला 2024” के नाम से भी जाना जाता है, पुष्कर पशु मेले के बाद राज्य का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला है ।
नागौर पशु मेला क्यों आयोजित किया जाता है ?
नागौर पशु मेला मनाये जाने के पीछे मान्यता है की नागौर के मानसर गाँव के समुद्री भू भाग पर लोकदेवता श्री रामदेव जी की एक अद्भुत मूर्ति स्वतः ही प्रकट हुई थी और फिर वहाँ पर भक्तों ने एक मंदिर बनवा दिया और उसके बाद से ही मानसर में पशु मेला आयोजित किया जाने लगा । मेले के दौरान पशुपालक मंदिर में जाकर अपने पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है और उसके बाद ही पशुओं की खरीद फरोख्त करते है ।
कुछ लोक कथाओं के अनुसार मारवाड़ नरेश श्री उम्मेद सिंह जी को नागौर पशु मेले का जनक माना जाता है । ऐसा माना जाता है की उनके काल में ही नागौर में इस प्रसिद्ध पशु मेले का आयोजन शुरू हुआ था । जोधपुर नरेश श्री उम्मेद सिंह जी ने नागौरी बैलों की नस्ल को संरक्षण देने के प्रयोजन से मानसर में 1940 में नागौर पशु मेले की शुरुआत की । तब से ही यह पशु मेला हर वर्ष आयोजित किया जा रहा है ।
नागौर पशु मेला क्यों प्रसिद्ध है?
नागौर का "नागौर पशु मेला" या "श्री रामदेव पशु मेला" नागौरी बैलों की खरीद-फरोख्त के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इनके अलावा, नागौर पशु मेला "कुचामनी ख्याल संगीत" और "नागौर के प्रसिद्ध लाल मिर्च बाजार" के लिए भी जाना जाता है ।
नागौर पशु मेला 2024:
नागौर में आयोजित होने वाले नागौर पशु मेले या श्री रामदेव पशु मेले में करीब 75000 बैल, ऊंट, और घोड़ों का व्यापार प्रतिवर्ष होता है ।
नागौर का यह विश्व प्रसिद्ध पशु मेला नागौरी बैलों के लिए विशेष रूप से मशहूर है। श्री रामदेव पशु मेलें में बैलों के साथ ऊंटों की भी खरीद फरोख्त होती हैं । नागौर पशु मेला जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के भी काम करता हैं ।
नागौर पशु मेला 2024 में आयोजित होने वाले कार्यक्रम –
अभी इस संबंध में कोई जानकारी हमारे पास उपलब्ध नहीं है । जैसे ही हमें ये जानकारी प्राप्त होगी हम इस ब्लॉग को अपडेट कर देंगे ।
नागौरी बैल क्यूँ प्रसिध्द है या नागौरी बैलों की अधिक मांग के पीछे क्या कारण है ?
नागौर पशु मेले में नागौरी किस्म के बैलों की मांग बहुत होती है आइए जानते है –
नागौरी बैलों की विशेषताएं जो इन्हें खास बनाती हैं – नागौरी बैलों की मांग राजस्थान के साथ पूरे देश में है । नागौर जिले को नागौरी नस्ल के बैलों का उत्पति स्थल माना जाता है ।
- नागौरी बैलों का मुख्य रूप से उपयोग खेती और परिवहन आदि के कार्यों में किया जाता है ।
- नागौर के अलावा नागौरी किस्म के बैल बीकानेर में स्थित नोखा और जोधपुर में कुछ जगहों पर पाये जाते हैं ।
- नागौरी बैल कद काठी, ताकत और सुंदरता के लिए पूरे देश में प्रसिध्द है ।
- नागौरी नस्ल के बैल शांत, और सुंदर होते है । इनका रंग सामान्यतः हल्का स्लेटी और सफ़ेद होता है ।
- नागौरी बैलों में घोड़ों जैसी फुर्ती होती है ।
- नागौरी बैलों का मुख पतला व संकरा और माथा एक घोड़े की भांति होता है । इनकी आंखे छोटी होती है और कान मध्यम आकार व हल्के गुलाबी रंग के होते है । नागौरी बैलों के पैर लंबे होते है । एक सामान्य नागौरी बैल की लंबाई करीब 6 से 7 फिट तक हो सकती है ।
- नागौरी बैल 12 से 13 घंटे बिना थके कम कर सकते है । ऐसा माना जाता है की नागौरी बैल एक दिन में करीब 5 एकड़ तक जमीन जोतने में सक्षम होते है ।
- ऐसा माना जाता है की एक स्वस्थ नागौरी बैलों की जोड़ी करीब 20 से 24 क्विंटल तक का बोझा ढो सकती है ।
- नागौरी बैलों की कीमत: नागौर पशु मेले के दौरान नागौरी बैलों की कीमत करीब 50 हजार से लेकर 3 से 5 लाख रुपये तक होती है ।
- नागौरी बैलो की मांग: नागौरी बैलों की मांग मुख्यरूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत भारत के कई राज्यों है ।
श्री रामदेव पशु मेले 2024/ नागौर पशु मेले 2024 के अन्य प्रमुख आकर्षण –
हर वर्ष नागौर पशु मेले के दौरान पशुओं की खरीद फरोख्त के अलावा भी नागौर के इस मेले में विभिन्न प्रकार के अन्य सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है जैसे - रस्साकशी, ऊंट और घोड़ों के नृत्य की प्रतियोगिता, ऊंट दौड़, घोड़ों की दौड़, कलाबाजी, पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता, कठपुतली नृत्य आदि ।
इसके अलावा नागौर मेला 2024 में आपको कुचामणि ख्याल गायकी व नागौर की स्थानीय कला व संस्कृति से रूबरू होने का मौका भी मिलता है । नागौर पशु मेला सिर्फ नागौर बैलों, कुचामनी ख्याल संगीत या ऊंटों की लिए ही प्रसिध्द नहीं है बल्कि नागौर मेला “मिर्ची बाज़ार” के लिए भी प्रसिध्द है । नागौर की लाल मिर्च विश्व भर में प्रसिध्द है । इसके अलावा लकड़ी, लोहे और चमड़े से बनी विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का बाज़ार भी लगता है ।
नागौर के आसपास के पर्यटन स्थल जो आपको अवश्य देखने चाहिए:
यदि आप नागौर पशु मेला देखने की योजना बना रहे हैं तो आपको नागौर के आसपास के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की भी यात्रा करनी चाहिए । नागौर के आसपास के प्रमुख पर्यटक स्थल जो आपको अवश्य देखने चाहिए –
- नागौर का किला और म्यूज़ियम
- खिंवसर किला
- मीरा बाई मंदिर
- छोटी खाटू
- झोरड़ा गाँव
- पशुपति नाथ मंदिर – मंझवास
- दधिमथी माता का मंदिर – मांगलोद
- अहिछत्रगढ़ (फोर्ट ऑफ हुडेड कोबरा)
- बड़े पीर साहब दरगाह आदि ।
नागौर पशु मेला 2024 में भाग लेने के लिए नागौर कैसे पहुँचें ?
हवाई मार्ग द्वारा: नागौर पहुँचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा “जोधपुर हवाई अड्डा” है जो नागौर से करीब 140 किमी. है । जयपुर इंटरनेशनल हवाई अड्डा नागौर से करीब 280 किमी. की दूरी पर स्थित है । जोधपुर या जयपुर हवाई अड्डे से आप ट्रेन, टैक्सी और निजी या सरकारी बस द्वारा नागौर आसानी से पहुँच सकते हैं ।
ट्रेन द्वारा: नागौर रेल्वे स्टेशन जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, जैसलमर, दिल्ली, आगरा, हिसार, चेन्नई, अहमदाबाद, दादर, और केरल आदि से नियमित और स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से जुड़ा हुआ है । आप नागौर रेल्वे स्टेशन पहुँच कर किसी टैक्सी या ऑटो के माध्यम से नागौर पशु मेले 2024 के स्थल तक आसानी से पहुँच सकते है ।
जोधपुर जंक्शन से नागौर की ओर जाने वाली रेलगाड़ियाँ –
- Kochuveli – Shri Ganganagar Express: KCVL SGNR Exp (16312)
- Bhagat Ki Kothi – Jammu Tawi Express: JU JAT Exp (19225)
- Barmer – Rishikesh Express: BME RKSH Exp (14888)
- Dadar – Bikaner Jn. Express: DDR BKN Exp (14708)
- Ahmedabad – Jammu Tawi Express: ADI JAT Exp (19223)
- Coimbatore Jn. – Hisar AC Express: CBE HSR AC Exp (22476)
- Dadar – Bikaner Supe Fast Express: DDR BKN SF Exp (12490)
- Jodhpur Jn. – Bhatinda Jn. Express: JU BTI Exp (14721)
जयपुर जंक्शन से नागौर की ओर जाने वाली रेलगाड़ियाँ –
- Kota Jn. – Shri Ganganagar Express: KOTA SGNR Exp (22981)
- Delhi Sarai Rohilla – Bikaner Jn. Express: RJSTHN S KRANTI (22463)
- Bilaspur Jn. – Bikaner Jn. Special Express: BSP BKN SP Exp (20845)
- Howrah Jn. – Bikaner Jn. Express: HWH BKN Exp (22307)
- Puri – Bikaner Jn. Super-Fast: PURI BKN SF (26472)
- Jhalawar City – Shri Ganganagar Express: JLWC SGNR Exp (22997)
- Guwahati – Bikaner Jn. Express: GHY BKN Exp (15634)
- Jaipur Junction – Jaisalmer Express: LEELAN Exp (12468)
सड़क मार्ग द्वारा: नागौर, राजस्थान के सभी प्रमुख स्थलों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छे से जुड़ा हुआ है । इसलिए आप कार या बस द्वारा आसानी से नागौर पहुँच सकते है । नागौर की प्रमुख शहरों से दूरी:
- जयपुर: 236 किमी.
- दिल्ली: 443 कि.मी.
- अहमदाबाद: 585 कि.मी.
- जैसलमेर: 326 किमी.
- बीकानेर: 119 कि.मी.
- जोधपुर: 144 कि.मी.
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